जयपुर. अब आप टेलीविजन, अखबार, मैग्जीन या दूसरे किसी माध्यम के जरिए दिखाए जाने वाले विज्ञापनों की शिकायतें ट्विटर और फेसबुक पर भी कर सकेंगे। द एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) शिकायत के विभिन्न तरीकों के बाद अब यह व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत अगले महीने से हो जाएगी। एएससीआई का मानना है कि आजकल पर्सनल केयर उत्पादों की शिकायतें काफी बढ़ रही हैं, वहीं डीओडरेंट के विज्ञापनों में अश्लीलता की शिकायतों में इजाफा हो रहा है।

परिणामों की शिकायतें

पर्सनल केयर प्रोडक्ट जैसे साबुन, कॉस्मैटिक क्रीम, हेयर ऑयल, कपड़े, बर्तन धोने के साबुन और डीओडरेंट के परिणामों को लेकर ग्राहकों की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। 60 प्रतिशत से ज्यादा इन प्रोडक्ट के परिणामों पर ग्राहकों को एतराज है। इसके अलावा गलतफहमी पैदा करने वाले, अश्लील, असभ्य भाषा, एक दूसरे को नीचा दिखाने वाले और गलत जानकारी देने वाले विज्ञापनों की संख्या बढ़ रही है। इनमें शैक्षणिक संस्थानों, ऑटोमोबाइल, फूड एंड बेवरेज और होम अप्लाइंसेज जैसे विज्ञापन भी शामिल हैं। इन उत्पादों की शिकायत के लिए ग्राहक के पास वैज्ञानिक सबूत होना आवश्यक है।

पहले नहीं हो सकता नियंत्रण

एएससीआई का मानना है कि देश में 6 लाख से ज्यादा एड बनते हैं। ऐसे में सभी विज्ञापनों को रिलीज से पहले देखना नामुमकिन है, लेकिन एड निर्माता कॉपी संबंधी सलाह ले सकते हैं। इसमें निर्माताओं को नियम के मुताबिक कॉपी होने या न होने के बारे में बताया जाता है। हालांकि विज्ञापन के संबंध में शिकायत मिलने पर 21 सदस्यीय कंज्यूमर कंपलेंट काउंसिल ही उसमें प्रश्नात्मक दृश्यों को हटाने या पूर्ण रूप से बंद करने का निर्णय ले सकती है।

ऐसे करेंगे शिकायत

एएससीआई आधिकारिक रूप से ट्विटर और फेसबुक पर आ जाएगा। इसके बाद आप किसी भी प्रिंट या टीवी विज्ञापन की शिकायत अपने अकाउंट से कर सकेंगे। आपका नाम, पता और संबंधित जानकारियां गुप्त रखी जाएंगी। जिससे कंपनी शिकायतकर्ता के बारे में कुछ भी जानने में असमर्थ होगी। सीएआई कंपनी को नोटिस भेजकर शिकायत के बारे में जवाब-तलब करेगी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि शिकायतकर्ता के पास अपनी शिकायत संबंधी सभी दस्तावेज या पुख्ता जानकारी होना जरूरी है।

अभी तक ऐसे की जा सकती है शिकायत

हालांकि इससे पहले भी एएससीआई 1800-22-2724 टोल फ्री नंबर, डायरेक्ट टेलीफोन, पत्र, ईमेल और ऑनलाइन कंपलेंट फॉंर्म भरकर कंज्यूमर्स के लिए शिकायत करने का प्रावधान दे चुकी है। काउंसिल का मानना है कि जानकारी के अभाव में अभी भी लोग विज्ञापन की शिकायत करने में हिचकिचाते हैं।अगले महीने तक कंज्यूमर को शिकायत करने की नई सुविधा ट्विटर और फेसबुक पर भी मिलेगी। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शिकायतों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।

- एलेन जे कोलैको, सेक्रेटरी जनरल, द एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया

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