अजूबे से कम नहीं: ये हैं धरती के दस स्वर्ग

एजेंसी। धरती ने अपनी खूबसूरती को कई रंगों में व्यक्त किया है। कहीं पहाड़ तो कहीं झरने, कहीं रेत तो कहीं हरियाली। इसकी खूबसूरती को सबसे शांत अभिव्यक्ति शायद पहाड़ों की ऊंची शिलाओं में या फिर सागर के मोहक किनारों पर ही मिलती है। इस कड़ी में हम आपके लिए लाए हैं प्रकृति की इसी शांति और सुंदरता को व्यक्त करती दस द्वीपों की यात्रा...

1. एंतालूला आइलैंड, फिलिपींस : इस द्वीप पर आप बर्फ की तरह सफेद दिखने वाली रेत के साथ प्रकृति की शांति का मजा एक साथ ले सकते हैं।
2. मोतूकावेत्ती, न्यूजीलैंड : ये छोटे-छोटे द्वीपों का एक ऐसा संग्रह है जो 95 एकड़ में फैला हुआ है। इसके किनारों पर आप डाल्फिंस को भी निहार सकते हैं।
3. बोरा-बोरा मोतू, पोलनेशिया फ्रांस : सफेद रेत के साथ नीले पानी से बना ये किनारा अपनी मदहोश कर देने वाली खूबसूरती से आपकी आंखों को अनुपम सुकून देने की क्षमता रखता है।
4. टर्टल आइलैंड, फिजी : हॉलीवुड अभिनेताओं को अक्सर जिस आइलैंड पर देखा जाता है वह यही है। यहां पर शूट की गई फिल्म ब्लू लैगून को भला कौन भुला सकता है।
5. कास्टवे के, बहामास : इस द्वीप की खूबसूरती के अलावा यहां पर चलने वाले डिज्नी क्रूज लाइन शीप की सुविधा इसकी यात्रा को यादगार बनाने के लिए काफी हैं।
6. लेफोर्ड के, बहामास : यहां के बीच और उनकी खूबसूरती को चार चांद लगाते नारियल के ऊंचे पेड़ इसे एक अलग ही रुप देते हैं।
7. डायमंड के, होंडूरास : होंडूरास की खाड़ी में बसा ये एक बेहद छोटा सा द्वीप है। इसके पास ही ग्रेट माया रीफ है जिसे मछलियों का स्वर्ग कहा जाता है।
8. बेलीसऑक्स, सेंट विंसेंट : इस द्वीप के बारे में कहा जाता है कि इसमें छुपे प्राकृतिक खजाने को अभी तक खोजा नही जा सका है।
9. एमरॉल्ड के, केकॉस आइलैंड : ये द्वीप आपको अपनी खूबसूरती से तो चौकाता ही है लेकिन एक और चीज है जो आपको चौका सकती है। इस द्वीप पर रिमोट कंट्रोल से चलने वाला एक ब्रिज भी है।
10. गुआना आइलैंड : इस द्वीप पर प्रकृति ने जैसे अपने सभी रुपों को बिखेर दिया है। पहाड़, झील, झरने से लेकर समुद्र और घने जंगल सभी कुछ यहां मौजूद हैं।

इतिहास की दस सबसे दिल दहला देने वाली 'सजाएं'

एजेंसी। अपनी सांसों को थाम लीजिए क्योंकि हम खोलने जा रहें हैं इतिहास के कुछ ऐसे पन्नों को जिन्हे पढ़कर आपका दिल दहल जाएगा। अक्सर कहा जाता है कि हमारे पूर्वज बेहद सभ्य और शालीन थे लेकिन अपराधियों और दुष्टों को सजा देने के इन तरीकों को सुनने के बाद शायद आपको अपनी सोच बदलनी पड़े।

दरअसल, हम आपको दस ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल अपराधियों और दुश्मनों को सजा देने के लिए कि या जाता था। इतिहास के अलग-अलग कालों में ये तरीके प्रचलित थे। कितने क्रूर और खौफनाख थे ये तरीके आइए देखते हैं...

१. डेथ ऑफ ब्वायलिंग : क्या आप कल्पना कर सकते हैं किसी इंसान को खौलते हुए पानी में जिंदा फेंक देने की। पुरातत्वविदों को ऐसे कई प्रमाण मिले हैं। चीन में लोगों की हड्डियों को कुकिंग पॉट्स में पाया गया है। इसी तरह लगभग 1500 साल पहले ब्रिटेन में सजा देने का ये तरीका कानूनी माना जाता था। वहां अपराधियों को खौलते तेल या पानी में जिंदा डाल दिया जाता था।
२. क्रूसफिक्शन : ईसा मसीह की मौत की वजह से सूली पर चढ़ाए जाने की प्रथा को दुनिया भर में जाना जाता है। इस प्रथा के प्रमाण छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व से मिलते हैं। जिंदा इंसान को सूली पर बांध कर तब तक लटका रहने दिया जाता था जब तक कि उसकी मौत न हो जाए।
३. फ्ले : मध्य काल में प्रचलित सजा देने के इस तरीके को सबसे क्रूर माना जाता है। इसमें अपराधी के शरीर से उसके चमड़े को खींच लिया जाता था। मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों में इस प्रथा के प्रचलन के प्रमाण मिलते हैं।
४. डिसेम्बाउलमेंट : सजा देने की इस प्रथा में अपराधी के पेट को चीर कर उसके अंग को एक-एक कर निकाला जाता था। ऐसा माना जाता है कि इंग्लैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम और जापान में सजा देने का ये तरीका प्रचलन में था।
५. ब्रेकिं ग व्हील : मध्य कालीन यूरोप में सजा देने की ये प्रथा प्रचलित थी। इसके तहत अपराधी को एक पहिए में फंसा कर उसके शरीर पर जलती सलाखों से छेद किया जाता था। मरने के बाद अपराधी के सिर को चौराहों पर टांग दिया जाता था जबकि शरीर के बाकी हिस्सों को जानवरों के खाने के लिए छोड़ दिया जाता था।
६. इंपेलमेंट : पूरे यूरोप में इस तरीके का प्रचलन था जहां से होता हुआ एशिया में भी ये चलन में आ गया। कान या नाक में छेद किया जाना तो आम बात है लेकिन शरीर के बेहद नाजुक हिस्सों जैसे लिंग आदि में गर्म सलाखों से छेद करने की इस प्रथा को सबसे क्रुर तरीकों में गिना जाता है।
७. क्रसिंग : कई हॉलीवुड और हिंदी फिल्मों में राजाओं द्वारा अपराधी को हाथी के पैरों तले कुचलवा देने का आदेश देते हुए देखा जा सकता है। लगभग चार हजार वर्षों तक सजा देने की ये प्रथा पूरे एशिया में सबसे ज्यादा प्रचलन में थी।
८. डेथ ऑफ बर्निंग : मुर्गे या बकरे को आग में जलते देखना तो आम बात है लेकिन किसी जमाने में इंसानों को भी इसी तरह जिंदा भून दिया जाता था। रोम, इंग्लैंड और अमेरिका में सजा देने के इस तरीके के प्रमाण मिलते हैं।
९. सॉ : कहा जाता है रोमन काल में यूरोप में सजा देने की इस प्रथा का चलन था। इस तरीके का मकसद सजा देने वाले को अधिक से अधिक दर्द का एहसास कराना होता था। क्योंकि इसमें व्यक्ति को सिर के बल टांग दिया जाता था जिससे खून का बहाव सिर की ओर हो जाता। फिर उसके शरीर को कुल्हाड़ी से दो टुकड़े में बाट देते। सिर की ओर रक्त प्रवाह के कारण इंसान की मौत देर तक तड़पने के बाद होती थी।
10. स्लो स्लाइसिंग : 9वीं शताब्दी के आसपास सजा देने की इस प्रथा के प्रमाण चीन में पाए जाते हैं। चीन में इस प्रथा को लिंग चीके नाम से जाना जाता था। लोगों के बीच प्रताड़ित व्यक्ति के एक-एक अंग को शरीर से अलग किया जाता था।