जवानी में सफेद बाल और गंजापन दूर करने का सबसे सरल उपाय...

आज अधिकांश युवाओं को सफेद बाल की समस्या परेशान कर रही है। असमय सफेद बाल से बचने के लिए युवा कई तरह के जतन करते हैं। कई दवाइयां, शैम्पू आदि का प्रयोग करते हैं। काफी पैसा लगाने के बाद भी बाल सफेद होने से नहीं रोक पाते। बालों को सफेद होने से रोकने के लिए एक बहुत सरल क्रिया है हाथों के नाखुन रगडऩा।

नाखुन रगडऩे से बाल काले क्यों रहते हैं...

नाखुन रगडऩे से बाल काले रहते हैं क्योंकि हमारे हाथों के नाखुन के नीचे जो ग्रंथियां और नसें हैं, उनका संबंध बालों से है। लगातार नाखुन रगडऩे से ये ग्रंथियां एक्टिव रहती हैं और बालों को सफेद होने से रोकती हैं।

- यह क्रिया काफी फायदेमंद है और इससे बहुत जल्द बाल सफेद होने और बाल गिरने पर रोक लग जाती है।

- इस क्रिया को आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं।

- इस क्रिया के लिए समय आदि का कोई बंधन नहीं है।

- इस क्रिया से बालों से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

- बालों से रूसी भी साफ हो जाती है।

कैसे रगड़े नाखुन...

नाखुन रगडऩे के लिए अपने दोनों को समान रूप से आमने-सामने रखकर अंगुलियों को अंदर की ओर मोड़ें। अब दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर रगडऩा शुरू करें। यह क्रिया कभी भी की जा सकती है। इस क्रिया को कम से कम पांच मिनिट तक अवश्य करें। इसका नियमित अभ्यास आपके बालों को असमय सफेद होने से रोकेगा।

सावधानी...

इस क्रिया को आराम से करें। ज्यादा तेजी से नाखुन ना रगड़ें। नाखुन पर अत्यधिक दबाव भी ना बनाएं। ध्यान रहे नाखुनों से अंगुलियों की त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचे। किसी योग चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं।

By vk sihag जानिए मकर संक्रांति पर क्यों खाते हैं तिल-गुड़ के लड्डू

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। त्योहारों की बात हो और मिठाई न हो ऐसा तो हो नहीं सकता। हर त्योहार पर विशेष पकवान बनाने व खाने की परंपराएं भी हमारे यहां प्रचलित हैं।

मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष रूप से तिल व गुड़ के पकवान बनाने व खाने की परंपरा है। कहीं तिल व गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं तो कहीं चक्की बनाकर तिल व गुड़ का इनका सेवन किया जाता है। तिल व गुड़ की गजक भी लोगों को खूब भाती है। मकर संक्रांति के पर्व पर तिल व गुड़ का सेवन करने के पीछे भी वैज्ञानिक आधार है।

सर्दी के मौसम में जब शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है तब तिल व गुड़ के व्यंजन यह काम बखूबी करते हैं। तिल में तेल की प्रचुरता रहती है जिसका सेवन करने से हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में तेल पहुंचता है जो हमारे शरीर को गर्माहट देता है। इसी प्रकार गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं।


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